मशालों को तुम अपनी बुझाना मत उनसे घर किसी का जलाना मत, मशालों को तुम अपनी बुझाना मत उनसे घर किसी का जलाना मत,
चल ले चल हमें बहार में उस जहां प्यार के रंग सदा खिलते हों! चल ले चल हमें बहार में उस जहां प्यार के रंग सदा खिलते हों!
मैं कौन हूँ मेरी पहचान क्या ? जीवन के समर में मेरा मुक़ाम क्या। मैं कौन हूँ मेरी पहचान क्या ? जीवन के समर में मेरा मुक़ाम क्या।
निखार था जीवन में जिससे, बिछड़ गया वो मेरा यार। निखार था जीवन में जिससे, बिछड़ गया वो मेरा यार।
वक्त बदलते देर नहीं लगती जाने कब छप्पड़ फाड़ कर तेरे आंगन खुशियां आ जाये। वक्त बदलते देर नहीं लगती जाने कब छप्पड़ फाड़ कर तेरे आंगन खुशियां आ जाये।
नींद में जीवन नींद में जीवन